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Diabetic Patient: खतरे की घंटी है पेट से जुड़ी ये समस्याएं, डायबिटीक मरीजों को रहना चाहिए सावधान

Diabetic patient को पेट से जुड़ी कई बीमारियां जल्दी पकड़ लेती हैं. टाइप 2 डायबिटीज मरीजों को कुछ बातों का खयाल रखना चाहिए, वरना उन्हें गैस, ब्लोटिंग, एसिडिटी जैसे पेट की बीमारियां परेशान कर सकती हैं.

Diabetic Patient: खतरे की घंटी है पेट से जुड़ी ये समस्याएं, डायबिटीक मरीजों को रहना चाहिए सावधान
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डीएनए हिंदी: Diabetic patients Stomach Disease- डायबिटीज मरीजों को पेट से जुड़ी कई समस्याओं (Stomach Problem) का सामना करना पड़ता है. जिनकी शुगर हाई रहती है उन्हें पेट से जुड़ी कई बीमारियां होती हैं. जैसे गैस बनना, ब्लोटिंग आदि. ऐसे में उन्हें अपने खानपान का इतना ध्यान रखना होता है कि कोई भी ऐसी चीज न खाएं जिससे पेट फूल जाए या फिर एसिडिटी हो. टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) मरीजों को पेट फूलने, गैस होने और ब्लोटिंग (Bloating) की समस्या ज्यादा होती है. चलिए आज हम आपको पेट से जुड़ी पांच बीमारियों के बारे में बताएंगे जिससे डायबिटीज मरीज जूझते हैं. 

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Gastroparesis की समस्या

The Centres for Disease Control and Prevention (CDC) का कहना है कि ब्लड शुगर की वजह से Gastroparesis की स्थिति पैदा हो सकती है. यह कंडीशन इस बात पर प्रभाव डालती है कि आप अपना खाना किस तरह डाइजेस्ट करते हैं. यानी आपकी पाचन क्रिया अगर ठीक नहीं है तो आपके गैस बनेगी. डायबिटीज मरीजों को ऐसी कोई चीज नहीं खानी चाहिए जिससे एसिडिटी होती हो. अगर पेट ठीक से साफ नहीं होता है तो कई सारी बीमारियां होने लगती है.

Gastroparesis की कंडीशन लंबे समय तक रह सकती है.जब पेट नॉर्मल तरीके से खाली नहीं हो पाता, कब्ज के साथ पेट फूलने की समस्या हो सकती है.इसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है.

डायबिटीज एंटर न्यूरोपैथी (Diabetes Enter Neuropathy)

डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित 50 फीसदी लोगों को यह बीमारी होने की संभावना बनी रहती है. डायबिटीज एंटर न्यूरोपैथी आपके आंत के नसों को नुकसान पहुंचाती है. दरअसल जब खून में ग्लूकोज (Blood Glucose) का स्तर अत्यधिक हो जाता है तो ग्लूकोज नसों में जमा हो जाता है और एक सिरप की तरह बनता है, जो इन कोशिकाओं के अंदर घुल जाता है. ऐसे में जब येह लंबे समय तक बना रहता है तो नसें मरने लगती हैं. इससे पेट में दर्द,अपच और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं होने लगती हैं.

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एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux)

हमारा भोजन से बनने वाला एसिड आंतों (Intestine) के निचले हिस्से में जाने की बजाय वापस इसोफेगस की ओर लौटने लगता है. जब खाना ढंग से पचता नहीं तो वह एसिड का निर्माण करता है. यह एसिड वापस इसोफेगस की ओर आने लगता है. इस वजह से पेट में एसिडिटी और गैस की समस्या बनी रहती है. ऐसे में इसके इलाज के लिए दवा, जीवनशैली में बदलाव,जैसे वजन कम करना और धूम्रपान (Smoking) छोड़ना जैसी चीजों को करना चाहिए. 
 

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