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Lalu Yadav Birthday: छात्र राजनीति से बने बिहार के CM, घोटालों में जेल जाकर भी कैसे 'किंगमेकर' कहलाए लालू

Happy Birthday Lalu Yadav: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का आज 77वां जन्मदिन है. उन्होंने देर रात अपने परिवार के साथ केक काटकर जन्मदिन मनाया. आज पटना में उनके बर्थडे के मौके पर 77 पाउंड का केक काटा जाएगा.

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Lalu Yadav Birthday: छात्र राजनीति से बने बिहार के CM, घोटालों में जेल जाकर भ�ी कैसे 'किंगमेकर' कहलाए लालू

Lalu prasad Yadav 77 birthday celebration

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राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव आज अपना 77वां  जन्मदिन मना रहे हैं. तेज प्रताप यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन पर ‘एक्स’ अकाउंट पर अपने पिता को जन्मदिन की बधाई दी और लिखा ‘लव यू इंफिनिटी’. तेज प्रताप यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लालू प्रसाद यादव के केक काटने की तस्वीरें भी साझा की हैं. लोकसभा चुनाव में 9 सीटें पर जीत दर्ज की है. ऐसे में इस जन्मदिन पर खुशी दोगुनी हो गई है.  

धूमधाम से मनाया जाएगा जन्मदिन 
लोकसभा चुनाव के दौरान लालू पार्टी को बेहतर परिणाम मिले हैं. ऐसे में पार्टी कार्यकर्ता भी काफी उत्साहित हैं. आज लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन पर कार्यकर्ता और नेता बड़े धूमधाम से मनाने की तैयारी में हैं. लालू यादव के जन्मदिन पर राजद दफ्तर को सजाया गया है. जानकारी के अनुसार, लालू यादव के जन्मदिन को मानने के दौरान सभी वरिष्ठ नेता, विधायक और विधान पार्षद मौजूद रहेंगे.

शुरुआती जीवन
लालू यादव का जन्म 11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज में फुलवरिया गांव में हुआ था. लालू के पिता का नाम कुंदन राय और माता का नाम मरछिया देवी था. उनका बचपन संघर्षों भरा रहा है. उन्होंने अपनी आत्मकथा 'गोपालगंज टू रायसीना' में अपनी गरीबी का जिक्र किया है. इस किताब में जिक्र है कि उनके पास खाने के लिए खाना और पहनने के लिए कपड़े नहीं होते थे. वे गांव में भैंस और अन्य जानवरों को चराते रहते थे.


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लालू यादव ने भाई के साथ पटना जाने से पहले अपने गांव के स्थानीय मिडिल स्कूल में पढ़ाई की थी. इसके बाद लालू यादव पटना चले गए और वहां उन्होंने ग्रेजुएशन और एम.ए. की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद पटना विश्वविद्यालय के बी.एन. कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन करने के बाद लालू यादव ने पटना में बिहार पशु चिकित्सा कॉलेज में क्लर्क के रूप में काम किया, जहां उनके बड़े भाई भी चपरासी थे.

राजनीतिक सफर
लालू अपनी पढ़ाई के दौरान ही जय प्रकाश नारायण के छात्र आंदोलन से जुड़ गए और इमरजेंसी के दौरान छात्र नेता के तौर पर उभरे और फिर बिहार की राजनीति में अपना बड़ा कद बनाया. 1977 में आपातकाल के बाद हुए लोकसभा चुनाव में लालू यादव जीते और पहली बार 29 साल की उम्र में लोकसभा पहुंचे. 1980 से 1989 तक वे दो बार विधानसभा के सदस्य रहे और विपक्ष के नेता पद पर भी रहे. लालू यादव साल 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे जबकि साल 2004 में यूपीए सरकार में रेल मंत्री बने और 2009 तक इस पद पर रहे.  

देश भर में लालू प्रसाद यादव की छवि एक हास्य नेता की है. इनकी लोकप्रियता उनके बिहारी उच्चारण और अनोखे अंदाज के भाषण को लेकर भी है. लालू यादव हमेशा ही सुर्खियों में रहे. टीवी हो या इन्टरनेट, लालू यादव के लतीफों का दौर भी खूब चला.

1997 में जब केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ चारा घोटाला मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया तो यादव को मुख्यमन्त्री पद से हटना पड़ा. अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सत्ता सौंपकर वे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष बन गये और अपरोक्ष रूप से सत्ता की कमान अपने हाथ में रखी. चारा घोटाला मामले में लालू यादव को जेल भी जाना पड़ा और वे कई महीने तक जेल में ही रहे.  3 अक्टूबर 2013 को न्यायालय ने उन्हें पांच साल की कैद और पच्चीस लाख रुपये के जुर्माने की सजा दी. दो महीने तक जेल में रहने के बाद 13 दिसम्बर को लालू प्रसाद को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिली.
 

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