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Mata Santoshi Vrat: क्यों 16 शुक्रवार ही किया जाता है संतोषी मां का व्रत, जानिए इसका महत्व और पूजा विधि भी

Mata Santoshi Vrat का महत्व क्या है, क्यों महिलाएं 16 शुक्रवार तक ये व्रत करती हैं, जानिए इसका महत्व और पूजा विधि

Mata Santoshi Vrat: क्यों 16 शुक्रवार ही किया जाता है संतोषी मां का व्रत, जानिए इसका महत्व और पूजा विधि भी
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डीएनए हिंदी : भक्ति में कहा जाता है कि हर दिन किसी ना किसी देवता की पूजा की जाती है और उसके नाम से अगर व्रत रखा जाए तो मन इच्छा फल प्राप्त होता है. वैसे ही शुक्रवार के दिन संतोषी माता की भी पूजा और आराधना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि माता संतोषी का सच्चे मन से व्रत रखने और उनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और महिलायों की अधूरी आशा पूरी होती है लेकिन व्रत करने के पहले कुछ महत्वपूर्ण विधान हैं. जिसका पालन किए बिना संतोषी माता का व्रत पूरा नहीं होता.

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संतोष की देवी हैं संतोषी मां (Goddess of Satifaction and Contentment)

मां संतोषी को मां दुर्गा (Goddess Durga) के सबसे शांत और कोमल रूपों में से एक माना जाता है.संतोषी माता मतलब संतुष्टता की देवी, जो हमें सिखाती हैं कि जीवन में जितना है जो है उसमें संतुष्ट और खुश रहें. 16 शुक्रवार तक ये व्रत रखना चाहिए. इस दिन के पीछे एक पौराणिक कथा है. आज हम जानेंगे माता का व्रत रखने से क्या होता है, इसका महत्व और पूजा विधि 

पूजा विधि (How to do Santoshi Maa Puja in Hindi) 

  • पूजा करने से पूर्व जल से भरे पात्र के ऊपर एक कटोरी में गुड़ और भुने हुए चने रखें
  • दीपक जलाएं और व्रत कथा कहते समय हाथों में गुड़ और भुने हुए चने रखें
  • दीपक के आगे या जल के पात्र को सामने रख कर कथा प्रारंभ करें तथा कथा पूरी होने पर आरती करें और प्रसाद का भोग लगाएं.
  • संतोषी माता के अनुष्ठानों के दौरान पहली प्रार्थना संतोषी माता के पिता भगवान गणेश और माता रिद्धि-सिद्धि के लिए करनी चाहिए.
  • संतोषी माता आपकी सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं और व्यवसाय में सफलता लाती हैं.
  • देवी से संतान, व्यापार में लाभ, आमदनी में वृद्धि, भावनाओं और दुखों को दूर करने की प्रार्थना करें.
  • इस दिन पूरे दिन भोजन ग्रहण न करें.
  • 16 शुक्रवार तक नियम पूर्वक व्रत करें और शुक्रवार को व्रत के दौरान फलाहार ग्रहण करें.
  • भोजन में घर में खट्टी खाद्य सामग्रियों का उपभोग न करें और परिवार जनों को भी खट्टे भोजन से दूर रहना चाहिए

 

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संतोषी माता के व्रत का महत्व (Significance of Santoshi Mata Fast in Hindi)

पौराणिक कथाओं की मानें तो मां संतोषी के पिता भगवान गणेश (Lord Ganesh) और माता रिद्धि-सिद्धि (Ridhi Sidhi) हैं और धन-धान्य और रत्नों से भरा परिवार होने के कारण इन्हें देवी संतोषी कहा जाता है.धर्म शास्त्रों की मानें तो शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी के साथ ही माता संतोषी को भी समर्पित होता है इसलिए इस दिन इनकी पूजा और व्रत को बेहद शुभ माना जाता है.

क्यों 16 शुक्रवार तक करना चाहिए व्रत (Why 16 Friday fast is important)


संतोषी माता का व्रत 16 शुक्रवार (Friday) तक करने से स्त्री-पुरुषों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, परीक्षा में सफलता मिलती है, व्यवसाय में लाभ होता है और घर में सुख-समृद्धि भी आती है. अविवाहित कन्याएं अगर संतोषी माता का व्रत करें तो मां की कृपा से उन्हें सुयोग्य वर मिलता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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