Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

LAC Disengagement: चीन ने कर ली थी युद्ध की पूरी तैयारी, जानिए लद्दाख की सैटेलाइट पिक्स में क्या दिखा

India Vs China: मैक्सर की तरफ से जारी सैटेलाइट पिक्स से यह भी स्पष्ट हो गया है कि चीनी सेना गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स में अब 3 किलोमीटर पीछे हट गई है.

LAC Disengagement: चीन ने कर ली थी युद्ध की पूरी तैयारी, जानिए लद्दाख की सैटेलाइट पिक्स में क्या दिखा
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स (Gogra Hot Springs) इलाके से आपसी समझौते के तहत भारत और चीन की सेनाएं पूरी तरह पीछे हट गई हैं. इस दावे की पुष्टि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की ताजा सैटेलाइट तस्वीरों से हो गई है. ये Satellite Images मैक्सर फोकस (Maxar focus) ने जारी की हैं, जिनसे यह भी खुलासा हुआ है कि चीनी सेना ने यहां युद्ध की कितने बड़े पैमाने पर तैयारी कर ली थी. 

चीनी सेना ने यहां बेहद अहम सामरिक पॉइंट पर अपना बहुत बड़ा आर्मी बेस बना लिया था, जिसे पीछे हटने से पहले उसने ध्वस्त कर दिया है. यह आर्मी बेस उस जगह के एकदम करीब था, जहां साल 2020 तक भारतीय सेना (Indian Army) पिछले 50 साल से लगातार गश्त कर रही थी.

पढ़ें- Operation Octopus: 32 साल बाद नक्सलियों के कब्जे से आजाद हुआ बूढ़ा पहाड़, एयरफोर्स ने उतारा हेलिकॉप्टर

Maxer

3 किलोमीटर पीछे हट गई है चीनी सेना

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की पीपुल्स रिपब्लिकन आर्मी (People's Republic Army) अब LAC से पीछे हटकर करीब 3 किलोमीटर पीछे चली गई है. सैटेलाइट इमेज से इसकी पुष्टि हो गई है. यह उस समझौते के तहत है, जो दोनों सेनाओं के बीच LAC पर तनाव घटाने के लिए चल रही बातचीत के 17वें दौर में तय हुआ था. दोनों देशों के कोर कमांडर लेवल के अधिकारियों के बीच यह समझौता 17 जुलाई को हुआ था.

पढ़ें- Kuno National Park 8 नहीं 25 चीतों का घर बनेगा, जानिए कहां से आएंगे बाकी चीते, ये है पूरा प्लान

इसके तहत 8 सितंबर से दोनों तरफ की सेनाओं ने गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स इलाकों से पीछे हटने यानी डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू की थी. विदेश मंत्रालय ने 13 सितंबर को यह प्रक्रिया पूरी होने और दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हट जाने का दावा किया था.

पढ़ें- Driving License से लेकर व्हीकल रजिस्ट्रेशन तक, अब RTO की 58 सेवाएं मिलेंगी ऑनलाइन

हालांकि मैक्सर फोकस की तरफ से NDTV  को दी गईं सैटेलाइट तस्वीरों में केवल चीनी पोजिशंस की डिसएंगेजमेंट से पहले और बाद की स्थिति दिखाई गई है. इनमें LAC पर बफर जोन या नो मेंस लैंड की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं है. ये बफर जोन दोनों देशों की सेनाओं ने समझौते में तय किया था और आपस में विश्वास बहाली के लिए इस जोन में किसी भी तरह की गश्त पर पाबंदी लगाई गई थी.

पढ़ें- आज होगा National Logistics Policy का ऐलान? जानें क्या है ये योजना और क्या होगा इससे लाभ?

क्या दिखाई दिया है सैटेलाइट इमेज में

चीनी सेना के पीछे हटने से पहले 12 अगस्त की सैटेलाइट इमेज में यहां के बहुत बड़ी बिल्डिंग बनी हुई दिख रही है, जो भारतीय पेट्रोल टीमों के पेट्रोलिंग पॉइंट-15 के बिल्कुल करीब है. यह बिल्डिंग चीन का एक सामरिक अहमियत वाला आर्मी बेस है, जिसका निर्माण मई, 2020 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गलवां घाटी (Galwan Valley) में संघर्ष के बाद बढ़े तनाव के बीच चीनी सेना ने किया था. 

इस बिल्डिंग को ट्रेंच (खाई) से घेरा गया था, जिनमें इंफेंट्री (infantry) ब्रिगेड की तोप और मोर्टार (Mortar) तैनात किए गए थे. इनके लिए खाई में फॉक्स होल बनाए गए थे.

पढ़ें- Amit Shah की सुरक्षा में बड़ी चूक, हैदराबाद में TRS नेता ने गृह मंत्री काफिले के आगे रोकी कार

Maxer new

15 सितंबर की सैटेलाइट इमेज में यह पूरा आर्मी बेस ध्वस्त दिखाई दे रहा है. चीनी सेना के ट्रक इस बिल्डिंग को गिराने के बाद मलबे को यहां से निर्माण के मलबे को उत्तरी हिस्से में लेकर गए हैं, जहां एक अस्थायी ठिकाने का निर्माण होता दिखाई दे रहा है. एक अन्य इमेज में इस जगह पर जमीन को दोनों देशों के बीच डिसएंगेजमेंट एग्रीमेंट (disengagement agreement) में तय स्थिति के अनुकूल बनी दिखाई दे रही है.

पढ़ें- तेजस्वी यादव की जमानत रद्द कराने कोर्ट पहुंची CBI, जानिए क्या है पूरा मामला

भारतीय सेना ने भी हटा ली हैं दो चौकियां

इस इलाके के स्थानीय पार्षदों के मुताबिक, भारतीय सेना ने भी एग्रीमेंट का पालन करते हुए अपनी सीमा के भीतर मौजूद दो चौकियां हटा ली हैं. हालांकि इसकी पुष्टि दिल्ली में भारतीय सेना के अधिकारियों ने नहीं की है. 

लद्दाख के चुशुल क्षेत्र के पार्षद कोंचोक स्टेनजिन ने NDTV को बताया कि हमारे सैनिक न केवल पेट्रोल पॉइंट 15 (PP-15) बल्कि पेट्रोल पॉइंट 16 (PP-16) से भी पीछे हट गए हैं, जहां हमारी सेना पिछले 50 साल से गश्त लगाती थी. 

पढ़ें- Gujarat में हजारों कर्मचारियों ने एक साथ ली छुट्टी, सरकार के खिलाफ छेड़ा आंदोलन

स्थानीय लोग PP-16 से भारतीय सेना हटने पर परेशान

स्टेनजिन के मुताबिक, PP-16 से भारतीय सेना का पीछे हटना स्थानीय लोगों के लिए बड़ा झटका है. यह हमारा जानवर चराने का इलाका है. खासतौर पर खानाबदोश चरवाहों के लिए यह लंबे समय से मुख्य इलाका रहा है. सर्दियों में यही मुख्य पशु चरागाह रहता है. अब यह बफर जोन बन गया है, जहां आवाजाही पर प्रतिबंध है.

क्या भारत ने छोड़ दिए हैं अपने ही इलाके?

आपसी सहमति से LAC पर बनाए बफर जोन को भारत के लिए नुकसान का कारण माना जा रहा है. डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एकतरफ इन बफर जोन के बनने से चार इलाकों में अब गतिरोध टूट गया है, जहां चीनी सेना ने नियंत्रण रेखा पार करके कब्जा किया था. हालांकि यह भी स्पष्ट है कि ये बफर जोन भारतीय इलाके में बनाए गए हैं, जहां भारतीय सेना और इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) अब गश्त नहीं लगा सकती हैं. 

पढ़ें- IPL 2023: एक साल में दो बार होगा IPL? क्रिकेट फैंस कर लें जश्न की तैयारी

इसके अलावा अभी भी चीनी सेना गोगरा के उत्तर में डेपसांग के मैदान (Depsang Plains) में अब भी कब्जा किए बैठी है और भारतीय पेट्रोलिंग टीमों की राह रोक रही है. यहां डिसएंगेजमेंट की वार्ताओं पर अब तक प्रोग्रेस नहीं दिखाई दी है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement
Advertisement