Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

China की धमकी के बावजूद ताइवान जाएंगी अमेरिका की नैंसी पेलोसी, जानिए चीन को क्यों लग रही मिर्ची

Nancy Pelosi Taiwan Visit: चीन की ओर से अमेरिका को धमकी दिए जाने के बावजूद अमेरिका संसद के निचले सदन की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा पर जाने वाली हैं.

China की धमकी के बावजूद ताइवान जाएंगी अमेरिका की नैंसी पेलोसी, जानिए चीन क��ो क्यों लग रही मिर्ची

नैंसी पेलोसी

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) से बात की थी. चीन ने अमेरिका को साफ शब्दों में चेताया था कि वह ताइवान के मामले में कोई हस्तक्षेप न करे. चीन की इस धमकी के बावजूद अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) ताइवान की यात्रा पर जाने वाली हैं. नैंसी पेलोसी अपने दक्षिण एशिया दौरे की शुरुआत करते हुए सोमवार तड़के सिंगापुर पहुंचीं.

नैंसी पेलोसी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग, राष्ट्रपति हलीमा याकूब और अन्य कैबिनेट सदस्यों से मुलाकात की. एक बयान में बताया गया कि ली सीन लूंग ने क्षेत्र के साथ मजबूत जुड़ाव के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे जैसी पहल के माध्यम से अमेरिकी आर्थिक संबंध को प्रगाढ़ करने के तरीकों पर चर्चा की. ली और पेलोसी ने यूक्रेन में युद्ध, ताइवान और चीन की मुख्यभूमि के आसपास तनाव व्याप्त होने और जलवायु परिवर्तन पर भी चर्चा की. ली ने क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए अमेरिका-चीन के बीच स्थिर संबंधों के महत्व को रेखांकित किया. 

यह भी पढ़ें- देश में आर्थिक मंदी का 0% खतरा, जानिए संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या दावा किया

मलेशिया, साउथ कोरिया, जापान और ताइवान जाएंगी पेलोसी
पेलोसी ने कहा था कि वह व्यापार, कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा और लोकतांत्रिक शासन पर चर्चा करने के लिए मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान का भी दौरा करेंगी. अब यह भी तय हो गया है कि वह ताइवान के दौरे पर भी जाएंगी. उल्लेखनीय है कि चीन, ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले हफ्ते अपने अमेरिकी समकक्ष जो बाइडन के साथ टेलीफोन पर की गई वार्ता में ताइवान के मामले में हस्तक्षेप करने के खिलाफ चेतावनी दी थी. 

यह भी पढ़ें- Myanmar की आर्मी सरकार ने फिर से बढ़ाया इमरजेंसी का समय, जानिए कब होंगे अगले चुनाव

चीन को लगता है कि ताइवान के साथ आधिकारिक अमेरिकी संपर्क उसकी दशकों पुरानी उस नीति के खिलाफ ताइवान को उकसाता है, जिसके तहत वह उसे 'वास्तविक, स्वतंत्रता और स्थायी क्षेत्र' मानता है. हालांकि, अमेरिकी नेताओं का कहना है कि वे चीन के इस दृष्टकोण का समर्थन नहीं करते हैं. पेलोसी यदि ताइवान का दौरा करती हैं तो वह 1997 में प्रतिनिधि सभा के तत्कालीन अध्यक्ष न्यूट गिंगरिच के बाद ताइवान की यात्रा करने वाली सर्वोच्च पद पर आसीन पहली निर्वाचित अमेरिकी अधिकारी होंगी. 

चीन ने दी गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी
जो बाइडन प्रशासन ने बीजिंग को आश्वस्त करने की कोशिश की है कि अगर ऐसी यात्रा होती है तो यह अमेरिकी नीति में किसी बदलाव का संकेत नहीं होगा. बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने सोमवार को पहले की चेतावनी को दोहराते हुए कहा, 'अगर वह यात्रा करने पर जोर देती हैं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.' लिजियान ने कहा, 'हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. चीन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए मजबूत और सख्त कदम उठाएगा.' 

यह भी पढ़ें- ऋषि सुनक को बड़ा झटका, ब्रिटिश पीएम पद की रेस में लिज ट्रस को मिला इस दिग्गज का समर्थन

संसद के एक अधिकारी ने बताया कि पेलोसी मंगलवार को मलेशिया जाएंगी और वहां के निचले सदन के अध्यक्ष अजहर अजीजान हारून से मुलाकात करेंगी. दक्षिण कोरियाई नेशनल असेंबली के अध्यक्ष किम जिन प्यो के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और जलवायु संकट पर बातचीत के लिए पेलोसी बृहस्पतिवार को सियोल में किम से मिल सकती हैं लेकिन अमेरिका ने पेलोसी के यात्रा कार्यक्रम के बारे में विवरण देने से इनकार किया है. ऐसे में यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि वह दक्षिण कोरिया कब पहुंचेंगी और वहां कब तक रहेंगी.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Advertisement

Live tv

Advertisement
Advertisement